कुछ दिल से… शेर
१, इस शहर में अपना कोई नहीं,
दिल अगर टूटे तो किसे पुकारें .
चेहरों पर चेहरे हैं सभी के ,
दर्द भरी नज़रों से किस और निहारें.
२, मतलब के यार ही मिलेंगे ,
तेरी दुनिया में ऐ खुदा !
सहारा तो बस एक तू ही है ,
और तू ही है मेरा नाखुदा.
३, अब आ ही गए जब जहाँ में ,
को किसी तरह से जी ही लेंगे ,
मकसद पूरा हो न हो जिंदगी का ,
तकदीर का सितम भी सह लेंगे .
४, दिल गर पत्थर होता ,
तो क्या ही अच्छा होता .
ना रोता ,ना आहें न भरता ,
और ना ही किसी से शिकवा करता .
५, करते ही रहे दिल से हम सौदा प्यार का,
अब वफ़ा करे या बेवफाई ,यह उसकी मर्ज़ी.
६, ऐ संगदिल ! तूने सिर्फ हमारे आंसू देखे हैं,
हमारे दिल के गुबार नहीं देखे .
किसी दिन यह गर बाहर निकले ,
तो कसम से ! कयामत आ जाएगी.