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24 Jul 2024 · 1 min read

कुछ तो रम्ज़ है तेरी यादें ज़ेहन से नहीं जाती,

कुछ तो रम्ज़ है तेरी यादें ज़ेहन से नहीं जाती,
और मुज़्दा-ए-इशरत-ए-अंजाम को सोचती है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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