कुछ चुटकियाँ ….
कुछ चुटकियाँ ….
वो चाय क्या
जिसमें भाप न हो
वो नींद क्या
जिसमें ख्वाब न हो
………….
वो प्याला क्या
जिसमें शराब न हो
वो हिजाब क्या
जिसमें शबाब न हो
………. ……….
वो किताब क्या
जिसमें गुलाब न हो
वो ख़्वाब क्या
जिसमें माहताब न हो
…………………
वो समर्पण क्या
जिसमें स्वीकार न हो
वो जीत क्या
जिसमें हार न हो
…………………….
वो मौसम क्या
जिसमें बहार न हो
वो जीवन क्या
जिसमें प्यार न हो
सुशील सरना /