\कुछ गहरे घाव//
उभर आए हैं कुछ दर्दों के भाव
नजऱ आए फिर कुछ गहरे घाव।
टूटा है फिर दिल का सन्नाटा मेरे,
है इस पर फिर यादों का दबाव।
उभर आए हैं कुछ दर्दों के भाव
नजऱ आए फिर कुछ गहरे घाव।
टूटा है फिर दिल का सन्नाटा मेरे,
है इस पर फिर यादों का दबाव।