कुछ ख्वाब बुने ।
इस आसमां के तले, आज फिर कुछ ख्वाब बुने ।
दिल ने मन को खामोश रहने की हिदायत दी ।
और मन बावरा कभी इधर तो कभी उधर चले फिरे ।।
इस आसमां के तले, आज फिर कुछ ख़्वाब बुने ।
इस आसमां के तले, आज फिर कुछ ख्वाब बुने ।
दिल ने मन को खामोश रहने की हिदायत दी ।
और मन बावरा कभी इधर तो कभी उधर चले फिरे ।।
इस आसमां के तले, आज फिर कुछ ख़्वाब बुने ।