कुछ अल्फाज़ तो दे दो कब तक चेहरे के भरोसे चलूं मैं ,
कुछ अल्फाज़ तो दे दो कब तक चेहरे के भरोसे चलूं मैं ,
जुबां को तोफीक दे दो या सूखी आंखों के भरोसे चलूं मैं।
-मोहित
कुछ अल्फाज़ तो दे दो कब तक चेहरे के भरोसे चलूं मैं ,
जुबां को तोफीक दे दो या सूखी आंखों के भरोसे चलूं मैं।
-मोहित