कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
बेवजह ही कुछ लोग मुझसे तंग हो रहे हैं
अपने कर्म कोई यहां देखना नहीं चाहता
मानसिक रूप से बिलकुल अपंग हो रहे हैं
कवि आजाद मंडौरी
कुछ अजीब से वाक्या मेरे संग हो रहे हैं
बेवजह ही कुछ लोग मुझसे तंग हो रहे हैं
अपने कर्म कोई यहां देखना नहीं चाहता
मानसिक रूप से बिलकुल अपंग हो रहे हैं
कवि आजाद मंडौरी