कुंडलिया
नागों ने है कर लिया, निर्णय मिलकर आज।
छुपकर जो भी काट ले,उस पर होगा नाज़।।
उस पर होगा नाज़, वही बस नेता होगा ।
कुलषित करे समाज,वह ही विजेता होगा ।।
कह बव्वा कविराय ,तमस दिया चिरागों ने ।
कर देंगे अमृत नाश, बनाया मन नागों ने ।।