कुंडलिया
कुंडलिया
कवि धर्म
दर्पण सम देते दिखा , कवि समाज का रूप
जिसे देख जन सँवरते , नियमों के अनुरूप
नियमों के अनुरूप , चलें कवि स्वयं निरंतर
भला बुरा में साफ , दिखा देते हैं अंतर
इस सेवा के हेतु ,किये जो निज को अर्पण
अवधू ऐसे लोग ,बने हैं जग में दर्पण
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर-9918854285
दिनांक-18-12-2024