कुंडलिया
कुंडलिया
उत्तम विचार
1
मन में ज्यों जनमें अहम्, त्यों दें उसको मार
नहीं रखा कुछ बैर में, करें सभी से प्यार
करें सभी से प्यार, किसी को गैर न मानें
उत्तम रखें विचार, किसी से रार न ठानें
अवधू हरि का रूप, देखना तूँ जन-जन में
कमजोरों का साथ करो ठानों यह मन में
2
मन में लालच भी बसा, बासी भलाई संग
इन दोनों में हो रहा ,निसदिन जमकर जंग
निसदिन जमकर जंग ,कथन लालच का भाई
औरों का सामान, हड़पने में सुखदाई
मगर भलाई बोल रही है अपने धन में
हिस्सा है कमजोर जनों का रख लो मन में
अवध किशोर ‘अवधू’
मोबाइल नंबर 9918854285
दिनांक-18-12-2024