कुंडलिया. . .
कुंडलिया. . .
आँधी आई अर्थ की, दरकी हर दीवार ।
अपनी ही दहलीज पर, रिश्ते सब लाचार ।
रिश्ते सब लाचार , मतांतर बढ़ते जाते ।
मन में घुटते दर्द, सभी से कैसे कहते ।
बिखरे सारे रंग, उदासी कैसी छाई ।
तोड़ी हर प्राचीर , गजब की आँधी आई।
सुशील सरना / 11-11-24