Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2024 · 1 min read

कुंडलिया

कुंडलिया
काया की माया मिटी, मिटे देह अनुबंध ।
सूक्ष्म अकेला ही चला ,छोड़ धरा की गंध ।
तोड़ धरा सम्बंध , छोड़ यादों की पाती ।
हर साथी को याद , सदा ही उसकी आती ।
कह ‘सरना’ यह बात, अजब उस रब की माया ।
हुई मृदा में लीन, अंत में नश्वर काया ।

सुशील सरना / 22-7-24

43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पापा
पापा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
सत्य
सत्य
Dinesh Kumar Gangwar
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
🌺🌻 *गुरु चरणों की धूल*🌻🌺
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
Ravi Prakash
विजयी
विजयी
Raju Gajbhiye
" रफूगर "
Dr. Kishan tandon kranti
रोला छंद. . .
रोला छंद. . .
sushil sarna
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
तीन मुट्ठी तन्दुल
तीन मुट्ठी तन्दुल
कार्तिक नितिन शर्मा
गांधी का अवतरण नहीं होता 
गांधी का अवतरण नहीं होता 
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
इंसान चाहता है सब कुछ अपने वक्त पर,पर जिंदगी का हर मोड़ है व
इंसान चाहता है सब कुछ अपने वक्त पर,पर जिंदगी का हर मोड़ है व
पूर्वार्थ
प्यारे बप्पा
प्यारे बप्पा
Mamta Rani
3730.💐 *पूर्णिका* 💐
3730.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भेज भी दो
भेज भी दो
हिमांशु Kulshrestha
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
तारीफ तेरी, और क्या करें हम
gurudeenverma198
यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
ruby kumari
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
सकारात्मक सोच अंधेरे में चमकते हुए जुगनू के समान है।
Rj Anand Prajapati
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
कठिन समय रहता नहीं
कठिन समय रहता नहीं
Atul "Krishn"
काश हर ख़्वाब समय के साथ पूरे होते,
काश हर ख़्वाब समय के साथ पूरे होते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
Neelofar Khan
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
वक्त इतना बदल गया है क्युँ
Shweta Soni
देश की हिन्दी
देश की हिन्दी
surenderpal vaidya
.
.
Shwet Kumar Sinha
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
चलना है मगर, संभलकर...!
चलना है मगर, संभलकर...!
VEDANTA PATEL
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
खुद के साथ ....खुशी से रहना......
Dheerja Sharma
...
...
*प्रणय प्रभात*
Loading...