कुंडलिया ….
कुंडलिया ….
कोई पागल हो गया, किसी ने खोये होश ।
आशिक को घायल करे, मदमाती आगोश ।।
मदमाती आगोश, रहा कब कुछ भी वश में ।
जागें सारी रात , साथ में लेकर कसमें ।।
कह ‘ सरना ‘ कविराय, प्यार में सुध-बुध खोई ।
पागल दिल के ख्वाब , भोर में ढूँढे कोई ।।
सुशील सरना / 10-4-24