कुंडलिया छंद
सेना के भी नाम का,दीप जलाएँ एक।
करें दुआ सकुशल रहें,अपने वीर अनेक।।
अपने वीर अनेक,चौकसी हर पल करते।
झेलें दुश्मन चाल,मौत से कभी न डरते।
दीप जलाकर एक,सभी श्रद्धांजलि देना।
अपने वीर सपूत,खो रही देखो सेना।।
डाॅ. बिपिन पाण्डेय