Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Apr 2020 · 1 min read

कुंडलिया छंद

कुंडलिया छंद
पारो है रूठी हुई,गुमसुम और उदास।
उसे मनाने के लिए,जाना उसके पास।
जाना उसके पास,नहीं है हृदय सबूरी।
पथ हैं सारे बंद ,साध हो कैसे पूरी।
हे ईश्वर हालात,जल्द से जल्द सुधारो।
तकती बैठी राह ,मनाने जाना पारो।।1

पारो को मत खोजना, नहीं पकड़ना हाथ।
अगर आपको है मिला,चंद्रमुखी का साथ।
चंद्रमुखी का साथ ,न देना उसको धोखा।
तभी रहेगा रंग , सदा जीवन में चोखा।
करो परस्पर प्यार,और परिवार सँवारो।
लेकर सारा माल ,खिसक जाएगी पारो।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय

1 Like · 2 Comments · 432 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
तुमने की दग़ा - इत्तिहाम  हमारे नाम कर दिया
Atul "Krishn"
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
नवगीत : अरे, ये किसने गाया गान
नवगीत : अरे, ये किसने गाया गान
Sushila joshi
हर बच्चा एक गीता है 🙏
हर बच्चा एक गीता है 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
क्या खूब दिन थे
क्या खूब दिन थे
Pratibha Pandey
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
*मरता लेता जन्म है, प्राणी बारंबार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
काश
काश
लक्ष्मी सिंह
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
कहां गए तुम
कहां गए तुम
Satish Srijan
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Yu hi wakt ko hatheli pat utha kar
Sakshi Tripathi
"मुलाजिम"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी लगे  इस ओर है,
कभी लगे इस ओर है,
sushil sarna
यह रंगीन मतलबी दुनियां
यह रंगीन मतलबी दुनियां
कार्तिक नितिन शर्मा
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
3260.*पूर्णिका*
3260.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शराबी
शराबी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
#दोहा
#दोहा
*प्रणय प्रभात*
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ख्याल
ख्याल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
फ़र्ज़ ...
फ़र्ज़ ...
Shaily
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन
गुमनाम 'बाबा'
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
Loading...