कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
पारो है रूठी हुई,गुमसुम और उदास।
उसे मनाने के लिए,जाना उसके पास।
जाना उसके पास,नहीं है हृदय सबूरी।
पथ हैं सारे बंद ,साध हो कैसे पूरी।
हे ईश्वर हालात,जल्द से जल्द सुधारो।
तकती बैठी राह ,मनाने जाना पारो।।1
पारो को मत खोजना, नहीं पकड़ना हाथ।
अगर आपको है मिला,चंद्रमुखी का साथ।
चंद्रमुखी का साथ ,न देना उसको धोखा।
तभी रहेगा रंग , सदा जीवन में चोखा।
करो परस्पर प्यार,और परिवार सँवारो।
लेकर सारा माल ,खिसक जाएगी पारो।।2
डाॅ बिपिन पाण्डेय