कुंडलियां
साल दिसंबर गर्भ से, उदय हुआ नव वर्ष।
नवल भामिनी जनवरी, आई लेकर हर्ष।।
आई लेकर हर्ष, ऋचा शुभ नव्य नवेली।
लाई है उत्कर्ष, हवाएँ ऋतुज सहेली।।
कहती तोषी बात, भोर महकी तम को हर।
कँवल प्रभाती आज, दे गया साल दिसंबर।।
आओ बाँटे फिर नई, खुशियों की सौगात।
साल दिसंबर कह गया, नई करो शुरुआत।।
नई करो शुरुआत, शब्द मृदु आसव पीना।
रखना हृदय दयाल, श्वास सँग दो दिन जीना।।
देना मधुरिम बोल, हटा कटु जिव्हा काँटे।
नए वर्ष पर स्नेह, सुनो मिल आओ बाँटे।।
संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर ( राज.)