कीमत….
कीमत….
पापड बेलकर कमाने वालों की नहीं,
पापड़ बिलवाकर कमाने वालों की है….
बेलने वाले रुपया कमाते हैं,
बिलवाने वाले लाखों कमाते हैं…
जानते हुए भी हम, बेलने वाले बने रहते हैं…
हमारा रोना है पैसों का,
असल रोना है हौसले का,
हौसले बुलंद करे तो,
हम भी अंबानी न सही,
अपनी कंपनी के मालिक हो सकते है….