कि दे दो हमें मोदी जी
पत्रकार बन्धु जो आयें, संदेशा ले जाएं।
दिल्ली की इस पावन भू पर,हैं कर्मी हम आए।
मांग रहे हैं एक ही लाठी, बुढ़ापा कट जाए……2
कि दे दो हमें मोदी जी, हाँ दे दो हमें मोदी जी…2
ओपीएस को तरस रहे हैं, ओपीएस मिल जाए।
ओपीएस अधिकार हमारा कोई तो दिलवाए।
ओपीएस ही लाठी अपनी, एनपीएस ना भाए….2
कि दे दो हमें मोदी जी………..2
एनपीएस तो धोखा इक है,”जटा” समझ ना पाए।
तीस साल की सेवा पर हम एनपीएस ग़र पाएं।
पाँच साल के नेता जी क्यों ओपीएस हैं खाएं…….2
बता दो हमें मोदी जी,कि दे दो हमें मोदी……….?
✍️जटाशंकर”जटा”
01/10/2023