किस ओर ज़िन्दगी है!
आँसुओं के बाढ़ में खुशियाँ फ़ना हुयी हैं!
जब-जब हँसी हूँ मैं खुद की नज़र लगी है!
जाना कभी नही ये किस ओर ज़िन्दगी है!
हम साथ चल दिये बस जिस ओर ले चली है!..ज्योतिमा
आँसुओं के बाढ़ में खुशियाँ फ़ना हुयी हैं!
जब-जब हँसी हूँ मैं खुद की नज़र लगी है!
जाना कभी नही ये किस ओर ज़िन्दगी है!
हम साथ चल दिये बस जिस ओर ले चली है!..ज्योतिमा