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26 Nov 2024 · 1 min read

किसे सुनाऊं मैं,

किसे सुनाऊं मैं,
मेरे दुखों कि दास्तां।
अब तो आसियाना भी,
पहचानता नहीं।।

1 Like · 2 Comments · 9 Views
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