*किसे पता क्या आयु लिखी है, दिवस तीन या चार (गीत)*
किसे पता क्या आयु लिखी है, दिवस तीन या चार (गीत)
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किसे पता क्या आयु लिखी है, दिवस तीन या चार
1
पल में रोग पनपता तन में, पल में गलती काया
पल में सिमट समूची जाती, घर में फैली माया
पल में रुक जाती सॉंसें, जो जीवन का आधार
2
स्वप्न देखता रहता मानव, सौ वर्षों जीने के
जुटा-जुटा कर सब सुखसाधन, मधुरस को पीने के
काल अचानक करता आकर, भीषण एक प्रहार
3
सबसे मिलो प्रेम से हिलमिल, विनयशीलता सीखो
सदा आचरण में सुंदरतम, सदाशयी-से दीखो
नहीं कभी मरता है, उज्ज्वल शुभ सात्विक आचार
किसे पता क्या आयु लिखी है, दिवस तीन या चार
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451