किसे क्या “गम” है…..
सबकी लेखनी में कितना दम है।
कोई नही, किसी से कम है।
आखिर, लिखता है कोई क्यों;
पता नही, किसे क्या गम है।
स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
कटिहार
सबकी लेखनी में कितना दम है।
कोई नही, किसी से कम है।
आखिर, लिखता है कोई क्यों;
पता नही, किसे क्या गम है।
स्वरचित सह मौलिक
पंकज कर्ण
कटिहार