किसी पत्ते सा ही
जीवन रहते या
मृत्यु के पश्चात
किसी भी जीव का
अस्तित्व तो अवश्य है
रूप चाहे फिर कोई भी धारण किए हो
यह एक जल के प्रवाह पर तैरते
किसी पत्ते सा ही है
बहता जा रहा है
समय के साथ अपना रूप बदल रहा है
आंखों से ओझल हो रहा है
पकड़ में नहीं आ रहा लेकिन
उसे भी नहीं मालूम कि
वह किस दिशा में जा रहा है
जो पीछे छूट रहा उन्हें वह भी
ढूंढ पाने में असमर्थ लेकिन
एक बात तो निश्चित तौर पर
तय है कि
वह नष्ट नहीं हो रहा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001