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15 Jul 2024 · 1 min read

“किसी ने सच ही कहा है”

“किसी ने सच ही कहा है”
किसी ने सच ही कहा है…
कि किसी बहाने लोग गर
खुश होने की कोई तरकीब
ढूंढ़ लेते हैं तो इसमें बुराई क्या है?
वैसे भी ज़िंदगी में ग़म ही ज़्यादा है,
तो किसी भी उपाय से जीवन में
खुशियों की पैदावार भी होनी चाहिए,
ताकि ख़ुशी और ग़म का संतुलन
सदियों तक बरकरार रह सके..
…. अजित कर्ण ✍️

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