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31 Oct 2018 · 2 min read

किसी के लिए खुद को बर्बाद कर देना ये शायद मुहब्बत नही हैं

मैं एक मीडिल क्लास लड़का हूँ मै गोरखपुर से हूँ 4। हर इंसान की तरह मेरा भी एक सपना था कि कुछ ऐसा करना जिससे एक दिन सबको मुझपे गर्व हो, इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए मैं पटना गया जो सायद मेरे घर मे किसी को न पसंद था। सब कुछ सायद बहुत अच्छा चल रहा था फिर अचानक लाइफ में एक लड़की आयी जिसका नाम अदिती था। वो भी पटना में एक साल से थी उसे देखने के बाद मुझे एक जुनून सा हो गया कि चाहे जो हो जाये अदिती मेरी है और मैं इससे हर हाल में पा कर रहूंगा। बहुत कोशिशों के बाद उसने मुझे जवाब दिया कि हा उसके भी दिल मे मेरे लिए जगह है। 6 साल हमने पटना में एक पती पत्नी के जैसा रहे। हम सिर्फ साथ 1 कमरे में नही रहते थे लेकिन बाकी वो सारी फ़र्ज़ निभाते थे हम जो एक अच्छे पति पत्नी निभाते है। हमारा रिश्ता पवित्र था पर पता नही क्यों आज तक उसको मेरे उपर विश्वास ही नही हुआ। खैर हम 6 साल बहुत नोक झोंक के बाद व एक अच्छे पार्टनर थे। मैन भी सोच ही लिया था अब की अब जो है सो अब यही है। मैं IT Sector से था उसी बीच मुझे जॉब का ऑफर आया दिल्ली से मुझे लगा हमारे अच्छे भविष्य के लिए मुझे जाना चाहिए और कुछ करना चाहिए हमारे औऱ अपने लिए पर….

पर उसने मुझे नही जाने दिया ये केह कर की आप चले जाएगा तो हम कैसे रहेंगे। मैने बहुत समझाया कि कल हम खुश रहेंगे इस लिए हमें आज जाना होगा पर उसने मेरी बात समझने से इनकार कर दिया। मैन मान लिया कि चलो जिसके लिए जा रहा हूं अगर वो ही नाखुश है तो फिर क्या फायदा जाने का। मुक़ाम ये था कि उस वक़्त मेरे लिए मेरा हां भी वो और ना भी वो थी। फिर 6 साल में तीन और मौके आयें Canada, Naigira and Dubai. मैन उसे बताया और छोड़ दिया मौका फिर मैं पटना में पार्ट टाइम जॉब करने लगा और उस वक़्त मैं उसके साथ उस लम्हे में ख़ुश रहने लगा। सोचा नही था कि वक़्त इतना करवट लेगा की आज सबकुछ खो कर भी उसको पा नही सके।….

आज मेरे पास कुछ नही है अफशोस की जो सिर्फ मेरी थी वो भी नही है मेरे पास। और इसका कारण और कोई नही मैं खुद हूँ।

क्या करें सबकी बहुत इज्ज़त जो करता हूं, उसकी इज्जत की उसके मम्मी पापा की इज्जत की तभी तो आज वो किसी और कि इज्जत है।

हमारे रिश्ते का नाम जो सायद हमने बहुत शिद्दत से रखा था।

Language: Hindi
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