किसी की हिफाजत में,
किसी की हिफाजत में,
लिया दिया गया जान,
हिंसा नहीं होती ।
शराफत में नजाकत से,
लिया गया जान ही,
हिंसा कहलाती है ।।
किसी की हिफाजत में,
लिया दिया गया जान,
हिंसा नहीं होती ।
शराफत में नजाकत से,
लिया गया जान ही,
हिंसा कहलाती है ।।