किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
किसी का कुछ भी नहीं रक्खा है यहां
सच जानते हुए भी लड़ते हैं सब यहां
कल को जीवन लीला समाप्त हो गई तो
कोई तुम्हें पूछने भी नहीं आएगा यहां
क्यों लड़ते झगड़ते रहते हो बिना बात के सब
शांतिपूर्वक रह सको जितने दिन तो रहो यहां
_ सोनम पुनीत दुबे