“किसान”
“किसान”
जो कृषि उपज किसान की बिकती माटी मोल,
वही लौटकर शहर से करे डबल मिल जोल,
केवल हमारे लिए महंगी है हर चीज,
उन्हें लग्जरी माल लगता सदा लजीज।
✍️श्लोक ” उमंग “✍️
“किसान”
जो कृषि उपज किसान की बिकती माटी मोल,
वही लौटकर शहर से करे डबल मिल जोल,
केवल हमारे लिए महंगी है हर चीज,
उन्हें लग्जरी माल लगता सदा लजीज।
✍️श्लोक ” उमंग “✍️