किसान के आंसू
किसान के आंसू
वार्ता
किसान 1 घंटे में 10 एकड़ जमीन बेच रहा है!
और शवा एकड़ जमीन ले रहा है||
(1)कर्ज में डूबा है मेरा अन्नदाता आज का!
महंगा है बाजार रेट उचित नहीं अनाज का नहीं मिला मौका पर रुपया गेहूं गन्ना धान का!
आओ दर्द सुनाता हूं मैं भारत के किस का
(2)किसान के धन से धंधे वाले धनवान बन गए!
टोकरी में करते धंधा जमीदार पहलवान बन गए||
माल गुजार थे हम माल माल गया गुजर बान वन गए!
करोड़पति थे हम आज रोड पति बन गए||
(3)1947 किसान का ग्राफ लगातार गिर रहा है!
परंतु कर्ज में किसान सबसे ऊपर चल रहा है||
हालात ऐ रहे किसान 25 30 साल चल रहा है!
किसान से किसान फिर मजदूर बन रहा है वक्त हमारे हाथों से रेत सा फिसल रहा है! खर्च कंट्रोल करो नहीं किसान कम बच रहा है||
(4)पूरा भारत पैकिंग पैकिंग पर चल रहा है!
पैकिंग का सामान 100% शुद्ध लग रहा है||
उनको किसान बडा बेईमान लग रहा है! मंडी में अनाज ढेर लग के बिक रहा है||
(5)खादय की लाइन लंबी किसान लाइन लाइन में लग रहा है!
भूखा प्यासा धक्का मुक्की खाली हाथ लौट रहा है||
कारण पूछा अधिकारी से जेल धमकी दे रहा है!
लाइन में पहले लगता जब अनाज बिक रहा है||
हाथ जोड़ सर्वेयर के मथथा अपना टेक रहा है!
लाइन में खड़ा-खड़ा किसान बहुत सूख रहा है||
(6)किसान की फसल दवा बिल खा रहा है!
किसान की आए कर्ज ब्याज खा रहा है|| किसान को चिंता का रोग सता रहा है! फसल को खेत में ढोर खा रहा है||
(किसान की लाइट शिफ्ट के बाद आ रही है!
और शिफ्ट से पहले पहले जल्दी जा रही है||
पूछो ऊपर अधिकारी कटौती बात हो रही है!
बिल लेट पेनाल्टी बकायदा लग रही है||
(7)महल तोड़ ली ना पाई सही नहीं रस्ते की बड़ी समस्या है!
वाटर लेवल नीचे फसल बीमारी बड़ी समस्या है||
लाइट रेट आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है!
अनाज रुपया नहीं समय पर होती बड़ी समस्या है||
सूअर खेत में फाड़ रहा है चारों तरफ समस्या है!
नीचे वाले ने छोड़ा ऊपर वाला बड़ी समस्या है||
(8)समुद्र सीना चीर वाहन पेट भर रहा है! किसान खून पसीना सबका का पेट भर रहा है||
झूठे नारे और वादों का शिकार हो रहा है! नीचे वाला ऊपर वाले का आहार हो रहा है||
सिंहासन किसान प्रति मौन हो रहा है! कभी गोली से कभी जहर से मर रहा है||
(9) किसान कार्यक्रम खुद रूपयो पर नहीं जुगाड़ कर रहा है!
किस को अनाज नहीं प्यार भूसा बच रहा है||
सबसे ज्यादा प्रताड़ित किसान हो रहा है! 37 किस प्रतिदिन आत्म हत्या कर रहा है| भूखे पेट नंगे पांव आसमान ओड सो रहा है!
सबका पेट भरने वाला भूखे पेट सो रहा है
(10)सिटी में लोग बिल्डिंग तोड़ डिजान निकाल रहे हैं!
जबकि किसान घर बेच बेघर हो रहे हैं|| नेताजी वक्तव्य विकास रफ्तार पकड़ रहे हैं!
जबकि किसान भाई रिवर्स गैर में चल रहे है||
कहते लोग किसान जमीन अपनी बेच रहे हैं!
किसान जमीन नहीं भोजन थाली बेच रहे हैं||
(11)किसान मौत के आगे और पीछे घूम रहा है!
भूखे पेट नंगे पांव खेत के चक्कर काट रहा है||
अपना अनाज बेच रूपयो का पता पूछ रहा है!
नौकर मालिक को गेट के बाहर कर रहा है अपमान की सीमा हद पार कर रहा है!कहने का नाथ आज अनाथ हो रहा है||
(12)पूरा भारत देश कंप्यूटर से चल रहा है!
नक्शा और खसरा कंप्यूटर से निकल रहा है||
जमीन का नाप मुगल आजम का चल रहा है!
लोहे की जरीब से खेत नाप हो रहा है||
देश का इंसान मंगल ग्रह पर जा रहा है!
किसान जबकि लोट शनि ग्रह पर आ रहा है||
(13)सबसे महंगा घटिया समान किसान खरीद रहा है!
किस से जुड़ा विभाग जल्दी अमीर हो रहा है||
किसान सबसे अच्छा सस्ता सामान बेच रहा है!
इसलिए किसान किसान अति गरीब हो रहा है||
किसान का नौकर अमीर वहुत जल्द हो रहा है!
कहने का अन्नदाता भिखारी हो रहा है ||
(14)किसान है जो ऊपर वाले का पत्थर झेल सकता है!
ओला खाकर सदियों तक जिंदा रह सकता है||
साइलेंसर वाहन पीछे ट्रैक्टर आगे लग सकता है!
अपनी दौलत का धुआं केवल किसान देख ही सकता है||
(15)कर्मचारी अच्छा कार्य करें तो प्रमोशन हो जाता है!
अधिकारी अच्छा कार्य करें तो मैडल मिल जाता है||
नेता अच्छा कार्य करें सी एम् पी एम बन जाता है!
किसान अच्छा पैदा करें तो अपमानित हो जाता है||
(16)मलिक अपना सामान रेट तय कर रहा है!
बाजार में वस्तु लागत से ऊपर बेच रहा है| उनका सामान रेट ग्राम किलो पर बढ़ रहा है!
किसान का अनाज 100रू कुंतल बढ़ रहा है||
किसान मालिक नहीं केवल नौकर बन रहा है!
मालिक वह जो रेट मंडी मे फिक्स कर रहा है||
(17)सबसे ज्यादा रुसपुत किसान दे रहा है!
फाइलों में ज्यादा किसान लटक रहा है|| जुलम वही केवल हाथ परिवर्तन हो रहा है!
अपनी सांस साहूकार को उधर रख रहा है अदालत अस्पताल में भर्ती हो रहा है! चिंता से चीता की ओर जा रहा है||
(18)हजारो कुंटल अनाज तुलाई केंद्र टूट रहा है!
दो केंद्रों का एक केंद्र बन रहा है||
500 सौ वोट पर अलग वूथ वन रहा है!
वोट का सुविधा केन्द्र मेरा देश वन रहा है|
$$$${गाना किसान गारी तर्ज}$$$
टेक = तिवड़ा बटरा उठा लये भगवान ने!
इल्ली लगी पूरे हार में||
नारी कह रही है जाकर खिरान में!
भुसा भुसा दिखे आंख में||
(1)सोयाबीन के पास गये है!
हाथ जोड़ किसान खड़े हैं||
मेरे बल पे–2 न रहियो किसान है!
अब ना लौटे सोयाबीन है||
___ नारी कह रही है _____
(2) गन्ना पास गये ले पीड़ा
अब तो आप धराओ धीरा||
गन्ना कह रहो है__2__
आसू भर के आंखों में||
फुनदी लगी मेरी जान में||
—- नारी कह रही____
(3)जाके धान को शीश नवाया! मां में प्राण मांगने आया||
केचुआ माहु फुनदी रोग!
हल्दी गाठ कमर तोड़||
कमर तोडी है__2__
जा मेरी रोग ने कछु कमर तोड़ी रेट ने
____&&नारी कह रही है___&&&
(4)आलम गुजजर बात बताई!
अब तो मांन किसान भाई||
तुम ना पड़ियो__2_ऐ काहू की होड में! घर न मिले हैं गाव खेत में||
—–नारी कह रही__&&