Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2021 · 1 min read

किसानों का उद्धघोष

किसानों का उद्धघोष

उठो किसानों
नव जोश को भर
दें उद्धघोष -1

चेतना पूर्ण
करें शाश्वत कर्म
न हो निराश -2

है मांग सत्य
सत्य करो आह्वान
वीर किसान-3

कर विनय
दृढ भाव संचार
दृढ़ चेतना -4

लक्ष्य को जानो
एम एस पी मूल्य
शक्ति को मानो -5

द्वेष मिटाओ
किसानी को बचाओ
मानव बनो-6

गले लगाओ
मानवतावादी का
प्रेम आधार -7

आओ तुम भी
आन्दोलनजीवि में
शामिल हो जा -8

#किसानपुत्री_शोभा_यादव

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 346 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
चलिये उस जहाँ में चलते हैं
हिमांशु Kulshrestha
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
जितने धैर्यता, सहनशीलता और दृढ़ता के साथ संकल्पित संघ के स्व
जितने धैर्यता, सहनशीलता और दृढ़ता के साथ संकल्पित संघ के स्व
जय लगन कुमार हैप्पी
A last warning
A last warning
Bindesh kumar jha
चंद्रयान 3
चंद्रयान 3
Dr.Priya Soni Khare
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
Raju Gajbhiye
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
थर्मामीटर / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
“जागू मिथिलावासी जागू”
“जागू मिथिलावासी जागू”
DrLakshman Jha Parimal
*निरोध (पंचचामर छंद)*
*निरोध (पंचचामर छंद)*
Rituraj shivem verma
मीडिया पर व्यंग्य
मीडिया पर व्यंग्य
Mahender Singh
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी
Lokesh Sharma
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
सर्द आसमां में दिखती हैं, अधूरे चाँद की अंगड़ाईयाँ
Manisha Manjari
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
*मन का समंदर*
*मन का समंदर*
Sûrëkhâ
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
छुट्टी का इतवार नहीं है (गीत)
Ravi Prakash
वाणी में शालीनता ,
वाणी में शालीनता ,
sushil sarna
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
पापा की गुड़िया
पापा की गुड़िया
Dr Parveen Thakur
बड़े ही खुश रहते हो
बड़े ही खुश रहते हो
VINOD CHAUHAN
2553.पूर्णिका
2553.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पछतावा
पछतावा
Dipak Kumar "Girja"
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
Misconceptions are both negative and positive. It is just ne
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वक़्त है तू
वक़्त है तू
Dr fauzia Naseem shad
"यात्रा संस्मरण"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
रमेशराज के पर्यावरण-सुरक्षा सम्बन्धी बालगीत
कवि रमेशराज
काट  रहे  सब  पेड़   नहीं  यह, सोच  रहे  परिणाम भयावह।
काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
■एक ही हल■
■एक ही हल■
*प्रणय प्रभात*
मोह मोह के चाव में
मोह मोह के चाव में
Harminder Kaur
Loading...