किशोरी
जलहरण घनाक्षरी
16-16पर यति
8,8,8,8वर्ण
अंत लघु,लघु
मुख लट घेरती है,
अधरों को छेड़ती है,
गौर वर्ण सी सूरत,
सजे झील का कमल।
आंखे तेरी नीली -नीली ,
सुबह की कली खिली,
गाल है गुलाब जैसे,
पाए जीने का संबल।
नैना कजरे की धार ,
जैसे चले हैं कटार,
भौहें लगती कमान,
तीर चले पल -पल।
छाई अधरों पे लाली,
केश घटा काली-काली,
अलकों में छुपा मुख,
मची कैसी हलचल।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश