आज़ तेरा है कल मेरा हो जायेगा
राम के नाम को यूं ही सुरमन करें
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मानवता का शत्रु आतंकवाद हैं
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
मैं आदमी असरदार हूं - हरवंश हृदय
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
बातों की कोई उम्र नहीं होती
जिंदगी का एक और अच्छा दिन,
बुंदेली लघुकथा - कछु तुम समजे, कछु हम
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
क्षमा करें तुफैलजी! + रमेशराज
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
गंगा- सेवा के दस दिन (आठवां दिन)
बेवफाई उसकी दिल,से मिटा के आया हूँ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।