किताब
किताब
आंखें बंद कर विश्वास कर लेते हैं,
धोखा अक्सर खा लेते हैं,
बर्दाश्त भी क्यु हर बार कर लेते हैं,
अक्ल ठिकाने आ जाए, वह किताब क्यु न पढ़ लेते हैं।।
सीमा टेलर, छिम़पीयान लम्बोर, चुरू, राजस्थान
किताब
आंखें बंद कर विश्वास कर लेते हैं,
धोखा अक्सर खा लेते हैं,
बर्दाश्त भी क्यु हर बार कर लेते हैं,
अक्ल ठिकाने आ जाए, वह किताब क्यु न पढ़ लेते हैं।।
सीमा टेलर, छिम़पीयान लम्बोर, चुरू, राजस्थान