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10 May 2023 · 1 min read

भगतसिंह

कांधे पर अपने
जब सलीब रखता है
तभी कोई शख़्स
एक अदीब बनता है…
(१)
होठों से छूए बिना
प्याला ज़हर का
किसी का बोलना
अब अजीब लगता है…
(२)
जाने क्या रिश्ता
भगतसिंह से मेरा
मुझे दिल के बहुत
वह करीब लगता है…
(३)
अपना ज़मीर तक
जिसे बेचना पड़े
वो शायर कितना
बदनसीब लगता है…
(४)
जिसके घर में नहीं
किताबों का कोना
लाख धनवान हो,
वह ग़रीब लगता है…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#अभिव्यक्ति_के_खतरे #हल्ला_बोल
#सुकरात #ईसा #मंसूर #भगतसिंंह
#विद्रोही #क्रांतिकारी #कवि #शायर
#इंकलाब #बगावत #बुद्धिजीवी #सच

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 318 Views
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