कितने सावन बीते हैं
कितने सावन बीते हैं यूँ उनके इंतजार में
कितने सावन बीते हैं भीगे हमें फुहार में
ना वो आए ना ही कोई खबर
होता नहीं है अब दिल में सब्र
कितने सावन बीते हैं यूँ उनके इंतजार में
कितने सावन बीते हैं भीगे हमें फुहार में
हर कोई है क्यूँ मुझसे खफा
और जिंदगी भी है ये बेवफा
कितने सावन बीते हैं यूँ उनके इंतजार में
कितने सावन बीते हैं भीगे हमें फुहार में
‘विनोद’दिल का है क्या कुसूर
जो हो गए हैं सब दिल से दूर
कितने सावन बीते हैं यूँ उनके इंतजार में
कितने सावन बीते हैं भीगे हमें फुहार में
स्वरचित
( विनोद चौहान )