कितनी प्यारी प्रकृति
सुबह शाम की बेला ,
लगती है बड़ी सुन्दर।
मन प्रफुल्लित होता,
देख सुनहरा अंबर।।
उड़ते पंछी बहती हवा,
रवि चमके दूर गगन।
रंग भरे से लगते बादल,
देख दृश्य मन है मगन।।
कितनी प्यारी यह प्रकृति,
आओं चलकर देखें यारा।
खुशियों के रंग है हजार,
खुला सा आसमान सारा।।