“कितनी प्यारी तेरी आंखें”
कितनी प्यारी तेरी आंखें,
इतना क्यों चमकती है।
लबों को खोले बिना ही,
सारे राज बया ये करती हैं।
ज़रूर ये इश्क का खुमार है,
जो इतनी बातें करती हैं।
दिल की धड़कन सीने में हलचल,
और आंखे इजहारे मोहब्बत करती हैं।