Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2024 · 1 min read

कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,

कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
सफ़र-ए-इश्क़ का फ़ासला दिल ने तय कर लिया
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
बरसात आने से पहले
बरसात आने से पहले
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मेरे प्रिय पवनपुत्र हनुमान
मेरे प्रिय पवनपुत्र हनुमान
Anamika Tiwari 'annpurna '
स्वयं को स्वयं पर
स्वयं को स्वयं पर
Dr fauzia Naseem shad
*बिरहा की रात*
*बिरहा की रात*
Pushpraj Anant
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
ये जिंदगी गुलाल सी तुमसे मिले जो साज में
©️ दामिनी नारायण सिंह
..............
..............
शेखर सिंह
काल  अटल संसार में,
काल अटल संसार में,
sushil sarna
***दिव्यांग नही दिव्य***
***दिव्यांग नही दिव्य***
Kavita Chouhan
उपेक्षित फूल
उपेक्षित फूल
SATPAL CHAUHAN
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस...
डॉ.सीमा अग्रवाल
2740. *पूर्णिका*
2740. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
Neelofar Khan
*शूल  फ़ूलों  बिना बिखर जाएँगे*
*शूल फ़ूलों बिना बिखर जाएँगे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अब चिंतित मन से  उबरना सीखिए।
अब चिंतित मन से उबरना सीखिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
रुपेश कुमार
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
ग़ज़ल (मिलोगे जब कभी मुझसे...)
डॉक्टर रागिनी
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
अपना कोई वजूद हो, तो बताना मेरे दोस्त।
Sanjay ' शून्य'
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
यादों की सफ़र
यादों की सफ़र"
Dipak Kumar "Girja"
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
मरने के बाद भी ठगे जाते हैं साफ दामन वाले
Sandeep Kumar
गुम है
गुम है
Punam Pande
#लघु कविता
#लघु कविता
*प्रणय*
रुसल कनिया
रुसल कनिया
Bindesh kumar jha
तुमसे दूर इस उदास शहर में, उस सूखती नदी के किनारे पर बैठा हु
तुमसे दूर इस उदास शहर में, उस सूखती नदी के किनारे पर बैठा हु
पूर्वार्थ
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
पागल।। गीत
पागल।। गीत
Shiva Awasthi
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 * गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"परवाने"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...