कितना तन्हा है
कितना तन्हा है दिल दुनिया की इस भीड़ में
न कोई सुन सका न देख सका दर्द इस दिल का
कभी जो मिल सके कोई हमदर्द समझ सके
जो दर्द इस दिल का।
कितना तन्हा है दिल दुनिया की इस भीड़ में
न कोई सुन सका न देख सका दर्द इस दिल का
कभी जो मिल सके कोई हमदर्द समझ सके
जो दर्द इस दिल का।