कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
कितना आसान होता है किसी रिश्ते को बनाना
सुनना समझना समझाना,धीरे धीरे अपना असर जमाना
वक्त का चक्र जब घूमा,रिश्ता.. जो अपना था होने लगा बेगाना
कभी कमियाँ गिनाना अहसान जताना
किसी फूल की तरह,हवा के मार से कुम्हला जाना
कुछ ऐसा ही है,रिश्तों का जमाना।।