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7 Nov 2024 · 1 min read

किणनै कहूं माने कुण, अंतर मन री वात।

किणनै कहूं माने कुण, अंतर मन री वात।
अंतरयांमी ईसरी , जाणै आपौ आप।।

जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️

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