काहे नहीं आया रे __ घनाक्षरी
सुन मेरे दिलदार तेरा मुझे इंतजार।
करार था इकरार काहे नहीं आया रे।।
नीर बिन मीन जैसे रह नहीं पाती साथी।
आती तेरी याद आती काहे नहीं आया रे ।।
तड़पाया तरसाया तरस न तुझे आया।
खाया नहीं कुछ मैंने काहे नहीं आया रे ।।
आहे दिल भरता है पल-पल मरता है।
हरता न पीर कोई काहे नहीं आया रे।।
राजेश व्यास अनुनय