काश
काश मैंने कभी तुम से प्यार ना किया होता
तो ये दिल इस कदर टूटा हुआ ना होता
तुम को भी कभी इस बात का अंदाजा हुआ होता
दीवाना कोई हम सा मिलता ऐसा ना हुआ होता
इतनी मुहब्बत भी ना करो किसी से
जो क़दर ही खो दे
ए काश के हम को पहले ये मालूम हुआ होता
हर बात पे हम तेरी झुकते चले गए
क्यूँ
अपनी भी तो कुछ मनवाते
यू भी तो हुआ होता
इतना मुहब्बत में गिराया मैंने खुद को के
अपने आप से मैं आज शर्मिंदा इस तरह
ना हुआ होता ,,,,,,,,,
शबीनाज