काश ये
काश ये
खूबसूरत पल
यही ठहर जाएं
हो न परवाह जमाने की
आओ, एक दूजे में सिमट जाएं
आने वाली घड़ियों में
फिर …
जाने क्या लिखा हो…
चलो, बुन लेते हैं
कुछ यादगार लम्हें
क्या ख़बर,
हम कल हों न हों…
रह जाएं महफ़ूज़ चंद लफ्जों में
हिमांशु Kulshrestha