Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2023 · 1 min read

काश! मैं भी बिहारी होता

व्यंग्य
काश! मैं भी बिहारी होता
*****************
बिहार सरकार की दरियादिली देख
उसकी आत्मा कचोटने लगी,
वो सोचने लगा
काश!वो भी बिहार का निवासी होता
तो शायद वो भी आज जीवित होता
न ये दुर्दशा होती न अतीत बनता।
शायद सजा से भी बच जाता
अपना धंधा और साम्राज्य भी सुरक्षित होता
बेटा भाई भी साथ होता ।
परिवार रिश्तेदार भी सुख चैन की बंशी बजाते
ये दिन तो न देखना पड़ता
दहशत, हनक और जलवा भी बरकरार रहता
हमारा भी परिवार नेतामय हो जाता
सासंद विधायक मेयर, आदि
परिवार का हर सदस्य बन जाता
तब अपना भी महत्व, बिहारी बाबू की तरह बढ़ जाता,
हमारे लिए भी तब
सरकारी नियमों में बदलाव हो जाता,
और मैं खुली हवा में नेतागीरी की आड़ में
माफियागिरी भी शान से करता
किसी से भी नहीं डरता
आज अपने परिवार के साथ होता,
अपना महल भी शान से खड़ा होता,
सुर्ख़ियों में बना रहता
तब भौकाल कुछ और होता।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
© मौलिक स्वरचित

1 Like · 134 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बूढ़ा बापू
बूढ़ा बापू
Madhu Shah
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
सुनो पहाड़ की...!!! (भाग - ९)
Kanchan Khanna
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
वक्त-ए-रूखसती पे उसने पीछे मुड़ के देखा था
Shweta Soni
बोलो बोलो हर हर महादेव बोलो
बोलो बोलो हर हर महादेव बोलो
gurudeenverma198
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
हर दर्द से था वाकिफ हर रोज़ मर रहा हूं ।
Phool gufran
अब ये ना पूछना कि,
अब ये ना पूछना कि,
शेखर सिंह
फिदरत
फिदरत
Swami Ganganiya
बातें नहीं, काम बड़े करिए, क्योंकि लोग सुनते कम और देखते ज्य
बातें नहीं, काम बड़े करिए, क्योंकि लोग सुनते कम और देखते ज्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आज के दिन छोटी सी पिंकू, मेरे घर में आई
आज के दिन छोटी सी पिंकू, मेरे घर में आई
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
भरे हृदय में पीर
भरे हृदय में पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
तू ठहर चांद हम आते हैं
तू ठहर चांद हम आते हैं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
अधमी अंधकार ....
अधमी अंधकार ....
sushil sarna
😊लघु-कथा :--
😊लघु-कथा :--
*प्रणय प्रभात*
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
" मन भी लगे बवाली "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
भारत के बीर सपूत
भारत के बीर सपूत
Dinesh Kumar Gangwar
देश भक्त का अंतिम दिन
देश भक्त का अंतिम दिन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अपना दिल
अपना दिल
Dr fauzia Naseem shad
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
🌸 मन संभल जाएगा 🌸
पूर्वार्थ
3229.*पूर्णिका*
3229.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
Saransh Singh 'Priyam'
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
🌹लफ्ज़ों का खेल🌹
Dr Shweta sood
सुकरात के शागिर्द
सुकरात के शागिर्द
Shekhar Chandra Mitra
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
प्रेम तुझे जा मुक्त किया
Neelam Sharma
. काला काला बादल
. काला काला बादल
Paras Nath Jha
"जल"
Dr. Kishan tandon kranti
गरम कचौड़ी यदि सिंकी , बाकी सब फिर फेल (कुंडलिया)
गरम कचौड़ी यदि सिंकी , बाकी सब फिर फेल (कुंडलिया)
Ravi Prakash
Loading...