काश ! तेरी निगाह मेरे से मिल जाती
काश ! तेरी निगाह मेरे से मिल जाती,
मुझको तेरी पनाह भी मिल जाती।
मै सुनाता तुझे के सावन के गीत,
तेरी मेरी हरियाली तीज मन जाती।।
नज़रों से नज़रे जो दोनो की टकराई,
एक दिल से दूसरे दिल की हुई मिलाई।
ये कैसी जिंदगी में प्यार की हुई घटना,
जो दोनो ने जिंदगी भर एक दूजे से निभाई।।
नजर को नज़र से एक बार मिला ले,
दोनो को प्यार का एक निवाला खिला ले।
फिर देख जिंदगी में तेरी होता है क्या,
जिंदगी में एक नया सिलसिला चला ले।।
दो नज़रे जब अक्सर झुक जाती है,
दो जिंदगी एक दूजे से जुड़ जाती है।
दो नज़रे जब अक्सर उठ जाती है,
अक्सर इंतकाम की आग भड़क जाती है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम