*काश पूछ कर पाकिस्तान बनाते (गीत)*
14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं की भावनाएँ
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काश पूछ कर पाकिस्तान बनाते (गीत)
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हमसे थोड़ा काश पूछकर पाकिस्तान बनाते
( 1 )
कैसे कटने देते हम भारत माता की काया
किससे तुमने भला पूछ कर मुस्लिम-राष्ट्र बनाया
हम जिनके थे लिए पाक में सिर्फ राह का रोड़ा
हम हिंदू थे हमें पाक में उनके ऊपर छोड़ा
रहने में अब क्या-क्या खतरे हैं तुमको समझाते
( 2 )
हम गाजर मूली वे चाकू ,हम केवल रोएँगे
तुमने जो अपराध कर दिया ,सदियों तक ढोएँगे
वे रोजाना कलह भरे विष बीजों को बोएँगे
बने नहीं हम मुसलमान तो बेटी को खोएँगे
विपदाओं के जो पहाड़ हैं,नजर हमें सब आते
( 3 )
चलो खैर, अब हमें नागरिकता दो भारत लाओ
हमें नर्क का रूप पाक के कब्जे से छुड़वाओ
हम भारतमाता-जय कहने वाले पाकिस्तानी ?
गलती कितनी बड़ी अरे यह किसने की नादानी
अपनी मुश्किल काश चीरकर दिल तुमको दिखलाते
हमसे थोड़ा काश पूछकर पाकिस्तान बनाते
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*रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा*
रामपुर (उत्तरप्रदेश)
मोबाइल 99976 15451