काश दिल पत्थर होता .
दिल गर पत्थर होता तो कितना अच्छा होता,
कोई लाख कोशिश करके भी तोड़ ना पाता ।
ना टूटता दिल तो ज़ख्मों से भी बावस्ता न होता ,
और ना ही कोई तन्हाइयों में ज़ार ज़ार रोता ।
दिल गर पत्थर होता तो कितना अच्छा होता,
कोई लाख कोशिश करके भी तोड़ ना पाता ।
ना टूटता दिल तो ज़ख्मों से भी बावस्ता न होता ,
और ना ही कोई तन्हाइयों में ज़ार ज़ार रोता ।