काश तेरी बिंदिया
काश तेरी बिंदिया बन जाता।
चेहरे पे तेरे मैं फब जाता।
आईना देखतीजब जब तुम,
पहले मैं सबसे नजर आता।
काश …..
तुम सारे जहाँ से न्यारी हो।
श्ननगार बिना भी प्यारी हो।
फिर भी मेरे लगने से तो
चार चाँद तुम पे लग जाता
काश तेरी,।।।।।।
गोल लम्बी तिरछी कैसी हो।
भाये तुझको जैसी वैसी हो
रंग की तो कोई बात नहीं,
रंग तेरा मेरा मिल जाता….
काश तेरी …….।
★कलम घिसाई★