काश! तुम मेरे होते
प्रत्येक पँक्ति का मात्रा भार- 16
तुकांत विधानः-
1. मुखड़े एवं पूरक पंक्तियों का तुकांत- एरे होते
2. प्रथम अंतरे का तुकांत- आते, अखियाँ |
3.द्वितीय अंतरे का तुकांत- आती, आली |
4. तृतीय अंतरे का तुकांत- आली , अलता |
5-चतुर्थ अंतरे का तुकांत –आते , आतें होतीं |
6-पंचम अंतरे का तुकांत –आली आती , आते |
7-षष्टम अंतरे का तुकांत –आते, अनते |
काश! अगर तुम मेरे होते
मन के भाव सजग हो जाते
संशय भी तब गीत सुनाते ,
जलतीं तेरी सारी सखियाँ
हँसती जब मिल चारों अँखियाँ ,
अपने जीवन में भी साथी
सुख सुन्दर घन घेरे होते |
काश! अगर तुम मेरे होते ||
भक्ति भावना भी जग जाती
दु:ख की बदली कभी न छाती ,
लखकर बगिया की हरियाली
कूक लगाती कोयल काली,
तो तारों की दुनिया में भी
अपने मन के डेरे होते |
काश! अगर तुम मेरे होते ||
जब भावों से भरती थाली
अरु फल पाकर झूकती डाली ,
जब सपनों का दीपक जलता
अपना जीवन कभी न खलता ,
चंदा अरु तारों की बातें
निस-दिन साँझ सबेरे होते |
काश! अगर तुम मेरे होते ||
आतीं जब पूनम की रातें
दोनों मिल नव छितिज बनाते ,
कितनी सुन्दर रातें होतीं
समाधान की बातें होतीं ,
कितना अच्छा होता सोचो
आसमान के फेरे होते |
काश! अगर तुम मेरे होते ||
नए फ़सल की साली आती
लेकर साथ दिवाली आती ,
सपने भी पूरे हो जाते
जब बच्चे किलकारी गाते ,
प्रेम-प्रकाश से भर जाते
मन के जो अँधेरे होते |
काश! अगर तुम मेरे होते ||
भावों के हम कलम बनाते
पहले लिखते फिर मिल गाते ,
नयनों की सरिता से छनते
शब्द निकलकर कविता बनते ,
सारी दुनिया को तजकर भी
हम तो ‘तनहा’ तेरे होते |
काश! अगर तुम मेरे होते ||
रचना:- संतोष कुमार श्रीवास्तव ‘तनहा’
कुशीनगर